Current Date: 17 Nov, 2024

बाजी बाजी रे बांसुरी

- श्री चित्र विचित्र जी महराज।


बाजी बाजी रे बांसुरी,
मनमोहन की बाजी,
बाजी बांसुरी की तान,
सखियां भई हैरान,
भागी यमुना तट को भागी,
बाजी बाजी रे बाँसुरी,
मनमोहन की बाजी,
बाजी बाजी रे बांसुरी।।

खिली चांदनी शरद रैन की,
श्री यमुना जी के तीरे,
श्री यमुना जी के तीरे,
श्री यमुना जी के तीरे,
कर में मुरली चरणन नूपुर,
बाजत धीरे-धीरे,
बाजत धीरे-धीरे,
बाजत धीरे-धीरे,
ईत मोर मुकुट उत,
शीश चंद्रिका साजे,
बाजी बांसुरी की तान,
सखियां भई हैरान भागी,
यमुना तट को भागी,
बाजी बाजी रे बाँसुरी,
मनमोहन की बाजी,
बाजी बाजी रे बांसुरी।।

श्री वृंदावन रस भूमि में,
रास रचो अति भारी,
रास रचो अति भारी,
रास रचो अति भारी,
ठुमक ठुमकना यह प्रिया प्रीतम,
जाए सखी बलिहारी,
जाये सखी बलिहारी,
जाये सखी बलिहारी,
कुंज कुंजन में सखियां,
प्रीतम के संग राजी,
बाजी बांसुरी की तान,
सखियां भई हैरान भागी,
यमुना तट को भागी,
बाजी बाजी रे बाँसुरी,
मनमोहन की बाजी,
बाजी बाजी रे बांसुरी।।

पागल भाई सब सखि सहचरी,
प्रेम रंग रस बरसे,
प्रेम रंग रस बरसे,
प्रेम रंग रस बरसे,
निरख निरख अद कुदरस लीला,
‘चित्र विचित्र’ मन हरषे,
‘चित्र विचित्र’ मन हरषे,
‘चित्र विचित्र’ मन हरषे,
प्रिया प्रीतम की दिव्य छवि,
हृदय बीच विराजी,
बाजी बांसुरी की तान,
सखियां भई हैरान भागी,
यमुना तट को भागी,
बाजी बाजी रे बाँसुरी,
मनमोहन की बाजी,
बाजी बाजी रे बांसुरी।।

बाजी बाजी रे बांसुरी,
मनमोहन की बाजी,
बाजी बांसुरी की तान,
सखियां भई हैरान,
भागी यमुना तट को भागी,
बाजी बाजी रे बाँसुरी,
मनमोहन की बाजी,
बाजी बाजी रे बांसुरी।।

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