उड़ता रंग गुलाल गजब का उड़ता रंग गुलाल
अयोध्या नगरी हुई निहाल गजब का उड़ता रंग गुलाल
जनक नंदिनी के संग राघव मिलकर सारे बंधु बांधव
भरत शतुघ्न संग लक्ष्मण अवध पूरी के नर नारी गण रहे अबीर उछाल
अयोध्या नगरी हुई निहाल गजब का उड़ता रंग गुलाल
झाज लिए क़र में बजरंगी ढोल मंजीरा साथी संगी
नाच रहे विणा ले नारद देवलोक के सुर निसारद गाते मिल चौपाल
अयोध्या नगरी हुई निहाल गजब का उड़ता रंग गुलाल
रंग सतेंद्र भंग सब घोली करे अनुज सब हसी ठिठोली
विश्वामित्र वशिष्ठ मुदित है आज अवध के भाग्य उदित हे सबके रंगे गाल
अयोध्या नगरी हुई निहाल गजब का उड़ता रंग गुलाल
उड़ता रंग गुलाल गजब का उड़ता रंग गुलाल
अयोध्या नगरी हुई निहाल गजब का उड़ता रंग गुलाल
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