अत्रि स्तुति लिरिक्स हिंदी में (Atri Stuti Lyrics in Hindi)
प्रभु आसान आसीन भरी लोचन शोभा निरखी
मुनिवर परम प्रवीण जोरि पानी अस्तुति करत
मेरे भाई बहन जीवन में जरा सी भी जिज्ञासा हो की मेरा भक्ति मार्ग आगे बढे तब अरण्यकाण्ड की यह स्तुति अत्री स्तुति भगवन श्री राम जब अत्री के आश्रम पहुंचे तब अत्री मुनि ने भगवान् श्री राम की है अद्भुत स्तुति की जिसको गोस्वामी तुलसीदास जी ने नमामि भक्त वत्सलम् । कृपालु शील कोमलम् ॥ कह कर के अत्री स्तुति का नाम दिया है
नमामि भक्त वत्सलम् । कृपालु शील कोमलम् ॥
भजामि ते पदाम्बुजम् । अकामिनाम् स्वधामदम् ॥
निकाम् श्याम् सुन्दरम् । भवाम्बुनाथ मन्दरम् ॥
प्रफुल्ल कञ्ज लोचनम् । मदादि दोष मोचनम् ॥1॥
प्रलम्ब बाहु विक्रमम् । प्रभोऽप्रमेय वैभवम् ॥
निषङ्ग चाप सायकम् । धरम् त्रिलोक नायकम्
दिनेश वंश मन्दनम् । महेश चाप खन्दनम् ॥
मुनीन्द्र सन्त रञ्जनम् । सुरारि वृन्द भञ्जनम् ॥2॥
मनोज वैरि वन्दितम् । अजादि देव सेवितम् ॥
विशुद्ध बोध विग्रहम् । समस्त दूषणापहम् ॥
नमामि इन्दिरा पतिम् । सुखाकरम् सताम् गतिम् ॥
भजे सशक्ति सानुजम् । शची पति प्रियानुजम् ॥3॥
त्वदङ्घ्रि मूल ये नराह । भजन्ति हीन मत्सराह ॥
पतन्ति नो भवार्णवे । वितर्क वीचि सङ्कुले ॥
विविक्त वासिनह सदा । भजन्ति मुक्तये मुदा ॥
निरस्य इन्द्रियादिकम् । प्रयान्ति ते गतिम् स्वकम् ॥4॥
तमेकमद्भुतम् प्रभुम् । निरीहमीश्वरम् विभुम् ॥
जगद्गुरुम् च शाश्वतम् । तुरीयमेव केवलम् ॥
भजामि भाव वल्लभम् । कुयोगिनाम् सुदुर्लभम् ॥
स्वभक्त कल्प पादपम् । समम् सुसेव्यमन्वहम् ॥5॥
अनूप रूप भूपतिम् । नतोऽहमुर्विजा पतिम् ॥
प्रसीद मे नमामि ते । पदाब्ज भक्ति देहि मे ॥
पठन्ति ये स्तवम् इदम् । नरादरेण ते पदम् ॥
व्रजन्ति नात्र संशयम् । त्वदीय भक्ति संयुता: ॥6॥
अत्रि स्तुति लिरिक्स अंग्रेजी में (Atri Stuti Lyrics in English)
Prabhu aasaan aasiin bharii lochan shobhaa nirakhii
Munivar param praviiṇ jori paanii astuti karat
Mere bhaaii bahan jiivan men jaraa sii bhii jijñaasaa ho kii meraa bhakti maarg aage baḍhe tab araṇyakaaṇḍ kii yah stuti atrii stuti bhagavan shrii raam jab atrii ke aashram pahunche tab atrii muni ne bhagavaan shrii raam kii hai adbhut stuti kii jisako gosvaamii tulasiidaas jii ne namaami bhakt vatsalam . Kṛpaalu shiil komalam ॥ kah kar ke atrii stuti kaa naam diyaa hai
Namaami bhakt vatsalam . Kṛpaalu shiil komalam ॥
Bhajaami te padaambujam . Akaaminaam svadhaamadam ॥
Nikaam shyaam sundaram . Bhavaambunaath mandaram ॥
Praphull kañj lochanam . Madaadi dosh mochanam ॥1॥
Pralamb baahu vikramam . Prabhoऽpramey vaibhavam ॥
Nishaṅg chaap saayakam . Dharam trilok naayakam
Dinesh vamsh mandanam . Mahesh chaap khandanam ॥
Muniindr sant rañjanam . Suraari vṛnd bhañjanam ॥2॥
Manoj vairi vanditam . Ajaadi dev sevitam ॥
Vishuddh bodh vigraham . Samast duushaṇaapaham ॥
Namaami indiraa patim . Sukhaakaram sataam gatim ॥
Bhaje sashakti saanujam . Shachii pati priyaanujam ॥3॥
Tvadaṅghri muul ye naraah . Bhajanti hiin matsaraah ॥
Patanti no bhavaarṇave . Vitark viichi saṅkule ॥
Vivikt vaasinah sadaa . Bhajanti muktaye mudaa ॥
Nirasy indriyaadikam . Prayaanti te gatim svakam ॥4॥
Tamekamadbhutam prabhum . Niriihamiishvaram vibhum ॥
Jagadgurum ch shaashvatam . Turiiyamev kevalam ॥
Bhajaami bhaav vallabham . Kuyoginaam sudurlabham ॥
Svabhakt kalp paadapam . Samam susevyamanvaham ॥5॥
Anuup ruup bhuupatim . Natoऽhamurvijaa patim ॥
Prasiid me namaami te . Padaabj bhakti dehi me ॥
Paṭhanti ye stavam idam . Naraadareṇ te padam ॥
Vrajanti naatr samshayam . Tvadiiy bhakti samyutaa: ॥6॥
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