Current Date: 21 Jan, 2025

अरे रामा रिमझिम बरषे पनिया

- रुपेश चौधरी।


की हरे रामा रिमझिम,
बरसे पनिया,
झूले राधा रानिया है हरी।।


घिर आये घूंघर घनकरे,
परे रिमझिम बून्द फुहारे,
हरे रामा चमक रही दमिनिया,
झूले राधा रानिया है हरी।।


की झूमे गर सोहे मोतियन माला,
अंग अंग में भूषण निराला,
अरे रमा कमर पड़ी करधानिया,
झूले राधा रानिया है हरी।।


की झूमे उ झूले सुमन हिंडोला,
बिन दाम लेत मनमोला,
हरे रामा मंद मंद मुस्कनिया,
झूले राधा रानिया है हरी।।


की हरे रामा रिमझिम,
बरसे पनिया,
झूले राधा रानिया है हरी।।

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