Current Date: 27 Dec, 2024

अपना नहीं कोई तुम

- Satyendra Pathak


Title:- अपना नहीं कोई तुम बिन मेरे राम
M:-        अपना नहीं कही तुम बिन और ठिकाना है 
अपना नहीं कही तुम बिन और ठिकाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 
विरथा है तुम बिन सब सब बेगाना है 
विरथा है तुम बिन सब सब बेगाना है 
एक तो दिन सब से धोखा खाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 

करो ऐसी कृपा हे रघुवर भटके ना हम 
आजमाले तुम्हे पहले ही एक दिन तो आजमाना है 
जाना दो वृथा समय हमारा अपने में लगा लो 
हम तुम्हारे अपने एक दिन तो अपने से लगाना है 
हम तुम्हारे अपने एक दिन तो अपने से लगाना है 
अपना नहीं कही तुम बिन और ठिकाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 

क्यों दूर रहते हो हम भटक जायेंगे 
पछताओगे बाद में तुम एक दिन तो हमें अपनाना है 
सम्भालो हमें प्रभु जी गिरने ना दो कूप में 
तुम्हारे सिवा नहीं हमारा कोई तुम्हे ही उठाना है 
तुम्हारे सिवा नहीं हमारा कोई तुम्हे ही उठाना है 
अपना नहीं कही तुम बिन और ठिकाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 

करो इन माया प्रपचों से रक्षा हमारी 
हमने तो तुम्हारे नाम का चादर ताना है 
हम तुम्हारे ही बच्चे तुम हो हमारी माया 
हमें छोड़ कर तुम्हे कौन सा सुख पाना है 
अपना नहीं कही तुम बिन और ठिकाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 

अपना लो हे राम मुझको तुम ही हो सर्वश मेरा 
अपना लो हे राम मुझको तुम ही हो सर्वश मेरा 
तुम्हे ही पाने का प्राण सुमा मंडल ने ठाना है 
तुम्हे ही पाने का प्राण सुमा मंडल ने ठाना है 
अपना नहीं कही तुम बिन और ठिकाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 
सब जगह से तो एक दिन उठ जाना है 

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