Current Date: 18 Dec, 2024

अजा एकादशी व्रत कथा (Aja Ekadashi fast story)

- The Lekh


अजा एकादशी व्रत कथा

अर्जुन ने कहा- ""हे पुण्डरिकाक्ष! अब आप कृपा करके मुझे भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइये। इस एकादशी का क्या नाम है तथा इसके व्रत का क्या विधान है? इसका व्रत करने से किस फल की प्राप्ति होती है?""

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श्रीकृष्ण ने कहा- ""हे कुन्ती पुत्र! भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा कहते हैं। इसका व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। जो मनुष्य इस दिन श्रद्धापूर्वक भगवान का पूजन करते हैं, उनके सभी प्राप नष्ट हो जाते हैं। इहलोक और परलोक में मदद करने वाली इस एकादशी व्रत के समान संसार में दूसरा कोई व्रत नहीं है।

अब ध्यानपूर्वक इस एकादशी का माहात्म्य श्रवण करो- पौराणिक काल में अयोध्या नगरी में एक चक्रवर्ती राजा राज्य करता था। उसका नाम हरिश्चन्द्र था। वह अत्यन्त वीर, प्रतापी तथा सत्यवादी थाप्रभु इच्छा से उसने अपना राज्य स्वप्न में एक ऋषि को दान कर दिया और परिस्थितिवश उसे अपनी स्त्री और पुत्र को भी बेच देना पड़ा। स्वयं वह एक चाण्डाल का दास बन गया। उसने उस चाण्डाल के यहाँ कफन लेने का काम किया, किन्तु उसने इस आपत्ति के काम में भी सत्य का साथ नहीं छोड़ा। जब इसी प्रकार उसे कई वर्ष बीत गये तो उसे अपने इस नीच कर्म पर बड़ा दुख हुआ और वह इससे मुक्त होने का उपाय खोजने लगा। वह सदैव इसी चिन्ता में रहने लगा कि मैं क्या करूँ? किस प्रकार इस नीच कर्म से मुक्ति पाऊँ? एक बार की बात है, वह इसी चिन्ता में बैठा था कि गौतम् ऋषि उसके पास पहुँचे। हरिश्चन्द्र ने उन्हें प्रणाम किया और अपनी दुख-भरी कथा सुनाने लगा।

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राजा हरिश्चन्द्र की दुख-भरी कहानी सुनकर महर्षि गौतम भी अत्यन्त दुखी हुए और उन्होंने राजा से कहा- 'हे राजन! भादों के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम अजा है। तुम उस एकादशी का विधानपूर्वक व्रत करो तथा रात्रि को जागरण करो। इससे तुम्हारे सभी पाप नष्ट हो जाएंगे।'

महर्षि गौतम इतना कह आलोप हो गये। अजा नाम की एकादशी आने पर राजा हरिश्चन्द्र ने महर्षि के कहे अनुसार विधानपूर्वक उपवास तथा रात्रि जागरण किया। इस व्रत के प्रभाव से राजा के सभी पाप नष्ट हो गये। उस समय स्वर्ग में नगाड़े बजने लगे तथा पुष्पों की वर्षा होने लगी। उसने अपने सामने ब्रह्मा, विष्णु, महेश तथा देवेन्द्र आदि देवताओं को खड़ा पाया। उसने अपने मृतक पुत्र को जीवित तथा अपनी पत्नी को राजसी वस्त्र तथा आभूषणों से परिपूर्ण देखा।

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व्रत के प्रभाव से राजा को पुनः अपने राज्य की प्राप्ति हुई। वास्तव में एक ऋषि ने राजा की परीक्षा लेने के लिए यह सब कौतुक किया था, परन्तु अजा एकादशी के व्रत के प्रभाव से ऋषि द्वारा रची गई सारी माया समाप्त हो गई और अन्त समय में हरिश्चन्द्र अपने परिवार सहित स्वर्ग लोक को गया।

हे राजन! यह सब अजा एकादशी के व्रत का प्रभाव था।

जो मनुष्य इस उपवास को विधानपूर्वक करते हैं तथा रात्रि-जागरण करते हैं, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और अन्त में वे स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। इस एकादशी व्रत की कथा के श्रवण मात्र से ही अश्वमेध यज्ञ के फल की प्राप्ति हो जाती है।""

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कथा-सार

मनुष्य को भगवान के प्रति पूर्ण श्रद्धा रखनी चाहिये। जटिल परिस्थितियों में भी जो मनुष्य सत्य का मार्ग नहीं छोड़ते वे अन्त में स्वर्ग को जाते हैं। सत्य की परीक्षा जटिल परिस्थितियों में ही होती है।"

Aja Ekadashi fast story

Arjuna said- "" O Pundarikaaksha! Now please please tell me about the Ekadashi of Krishna Paksha of Bhadrapada month. What is the name of this Ekadashi and what is the law of its fast? What fruit does it get by fasting it? ""

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Shri Krishna said- "" O Kunti son! The Ekadashi of Krishna Paksha of Bhadrapada month is called Aja. By observing this fast, all sins are destroyed. People who worship God devoutly on this day are destroyed by all of them. There is no other fast in the world like this Ekadashi fast which helps in Ihloka and hereafter.

Now carefully listen to the greatness of this Ekadashi- during the mythological period, a Chakravarti king ruled in the city of Ayodhya. His name was Harishchandra. He was very brave, illustrious and truthful. Prabhu desires he donated his kingdom to a sage in his kingdom and had to sell his woman and son in a situation. He himself became a slave of a Chandal. He worked to take shroud at that Chandal, but he did not leave the truth even in this objection work. When he passed many years in the same way, he felt very sad on his low karma and he started searching for a solution to get rid of it. He always started living in the same worry that what should I do? How can I get rid of this low karma? Once upon a time, he was sitting in the same worry that Gautam Rishi reached him. Harishchandra bowed to him and started narrating his sad story.

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Maharishi Gautam was also very sad to hear the sad story of King Harishchandra and he said to the king- 'O Rajan! The name of Ekadashi of Krishna Paksha of Bhadas is Aja. You fast with that Ekadashi and awaken at night. This will destroy all your sins. '

Maharishi Gautam said so much. On coming to Ekadashi named Aja, King Harishchandra fasted and woke up the night as per Maharishi. Due to the effect of this fast, all the sins of the king were destroyed. At that time, drums started ringing in heaven and flowers started raining. He found the gods like Brahma, Vishnu, Mahesh and Devendra etc. stand in front of him. He saw his deceased son alive and his wife full of royal clothes and jewelery.

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The king again attained his kingdom with the influence of the fast. In fact, a sage had done all this to test the king, but with the effect of the fast of Aja Ekadashi, all the Maya composed by the sage ended and in the end Harishchandra went to heaven with his family.

Hey Rajan! All this was the influence of the fast of Aja Ekadashi.

People who do this fast and do night-awakening, all their sins are destroyed and in the end they attain heaven. Only by listening to the story of this Ekadashi fast, the fruit of Ashwamedha Yajna is attained. "

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Synopsis

Man should have full reverence for God. Even in complex circumstances, human beings who do not leave the path of truth go to heaven in the end. Truth test is done only in complex conditions. "

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