Current Date: 18 Dec, 2024

ऐसा हमारा वृन्दावन

- चित्र विचित्र जी महाराज


राधा राधा नाम का,
बरसे जहाँ घन,
ऐसा हमारा वृन्दावन,
ऐसा हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन।।

डाल डाल भी बोले राधे,
पात पात भी बोले राधे,
बंसीवट भी बोले राधे,
चीरघाट भी बोले राधे,
राधा राधा नाम स्वयं रटते मोहन,
ऐसा हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन।।

सेवाकुंज में राधे राधे,
श्री निधिवन में राधे राधे,
वनविहार में राधे राधे,
वनकिशोर में राधे राधे,
राधा राधा नाम अनमोल रतन,
ऐसा हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन।।

रसिक बिहारी में राधे राधे,
गौरीलाल में राधे राधे,
मोहनीबिहारी में राधे राधे,
चतुरबिहारी में राधे राधे,
राधा राधा नाम हरिदासों का जीवन,
ऐसा हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन।।

रसिकन की वाणी में राधे,
भक्तों के ह्रदय में राधे,
संतो की कुटिया में राधे,
‘चित्र विचित्र’ की प्राण आराधे,
राधा राधा नाम का चढ़ा है पागलपन,
ऐसा हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन।।

राधा राधा नाम का,
बरसे जहाँ घन,
ऐसा हमारा वृन्दावन,
ऐसा हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन,
वृंदावन हमारा वृंदावन।।

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