आया फागुन रंग रंगीला मौसम है छैल छबीला हर दिल में मस्ती छायी धरती और अंबर गीला
चले सनन सनन संग मंद पवन पुरवाई हाय आयी झूम के होली की प्यारी रुत आयी है
फागुन की रुत आयी खाटू में भीड़ लगी भारी दूर दूर से चलकर आते है नर और नारी
कोई रंग अबीर लगाए कोई मस्ती में लहराए कोई ढोल नगाड़े बजाये श्री श्याम की जय जय गाये
बोलो श्याम प्यारे की जय खाटू वाले श्याम बिहारी कलयुग के हो तुम अवतारी
जो भी आया शरण तुम्हरी रे सांवरा सांवरा सांवरा
बोल खाटू नरेश की जय
बाबा खाटू वाले बाबा लीले वाले सबके बिगड़े काम बनाते बनके तुम रखवाले
बाबा खाटू वाले बाबा लीले वाले
बाबा तेरी खाटू नगरी विशाल है बाबा तेरी भक्तो की भीड़ यहाँ लगती अपार है
बाबा तेरी मर्जी के आगे पत्ता ना हिलता यहाँ खाटू वाले श्याम बिहारी कलयुग के हो तुम अवतारी
जो भी आया शरण तुम्हरी रे सांवरा सांवरा सांवरा
शीश के दानी की जय बाबा खाटू वाले बाबा लीले वाले
तेरे बिन भक्तो को बाबा आगे कौन संभाले बाबा खाटू वाले बाबा लीले वाले
दिन दुखियो से ककरता तू प्यार है सेठो का सेठ ये श्याम सरकार है
जो भी आया दर पे तुम्हारे भरता तू झोली सदा खाटू वाले श्याम बिहारी कलयुग के हो तुम अवतारी
जो भी आया शरण तुम्हरी रे सांवरा सांवरा सांवरा
बोल हारे के सहारे की जय बाबा खाटू वाले बाबा लीले वाले
कलयुग में देवो में बाबा तुम हो देव निराले बाबा खाटू वाले बाबा लीले वाले
फागण की मेले में हमको बुलाले सज्जन को बाबा तू अपना बना ले
शीश का दानी दरश दिखा दे मुझको तो सांवरा खाटू वाले श्याम बिहारी कलयुग के हो तुम अवतारी
चले सनन सनन संग मंद पवन पुरवाई हाय आयी झूम के होली की प्यारी रुत आयी है
श्याम के संग में होली खेलेंगे सबके मन में आयी रंग गुलाल अबीर लगाने टोलिया है आयी
कोई आज अकेला आया कोई परिवार संग लाया मन में उमंग और जोश भरे कोई दूर दराज से आया
चले सनन सनन संग मंद पवन पुरवाई हाय झूम के होली की प्यारी रुत आयी है
सब नगर मोहल्ले देखो है रंग बिरंगे लगते मेरे श्याम के रंग में देखो है रंगीले से लगते
है प्रीति प्रेम का सागर ये बात सभी में उजागर हो दीप निराश भला क्यों चरणों में उनके आकर
चले सनन सनन संग मंद पवन पुरवाई हाय झूम के होली की प्यारी रुत आयी है
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