Current Date: 17 Nov, 2024

आता रहूं दरबार भोलेनाथ

- अभिजीत कोहाड़


आता रहूं दरबार भोलेनाथ,
मैं पाता रहूं तेरा प्यार भोलेनाथ,
मैं पाता रहूं तेरा प्यार भोलेनाथ,
मैं आता रहूँ दरबार भोलेनाथ।।

तर्ज – आता रहूं दरबार सांवरे।

मेरी सारी दौलत बाबा,
तेरे चरण की धूलि,
तूने उस पल याद रखा जब,
सारी दुनिया भूली,
करना यही उपकार भोलेनाथ,
करना यही उपकार भोलेनाथ,
मैं आता रहूँ दरबार भोलेनाथ।।

अपने बने पराये सारे,
तूने साथ निभाया,
धक्के खाए जग वालो से,
तूने हाथ फिराया,
यूँ ही फिराना हर बार भोलेनाथ,
यूँ ही फिराना हर बार भोलेनाथ,
मैं आता रहूँ दरबार भोलेनाथ।।

सर से लेकर पाँव तलक,
तेरा कर्जा है बाबा,
सोच नहीं सकता था उससे,
दिया है तूने ज्यादा,
‘श्याम’ का तू ही संसार भोलेनाथ,
‘श्याम’ का तू ही संसार भोलेनाथ,
मैं आता रहूँ दरबार भोलेनाथ।।

आता रहूं दरबार भोलेनाथ,
मैं पाता रहूं तेरा प्यार भोलेनाथ,
मैं पाता रहूं तेरा प्यार भोलेनाथ,
मैं आता रहूँ दरबार भोलेनाथ।।

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