।। आरती श्री गोरखनाथ जी की ।।
F: जय गोरख देवा स्वामी जय गोरख देवा
कर कृपा मम ऊपर -2,नित्य करूँ सेवा
ॐ जय गोरख देवा
कोरस: जय गोरख देवा स्वामी जय गोरख देवा
कर कृपा मम ऊपर -2,नित्य करूँ सेवा
ॐ जय गोरख देवा
F: शीश जटा अति सुंदर भाल चन्द्र सोहे
कोरस: स्वामी भाल चन्द्र सोहे
F: कानन कुंडल झलकत-2 निरखत मन मोहे
कोरस: ॐ जय गोरख देवा
F: गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारे
कोरस: स्वामी तन भस्मी धारे
F: आदि पुरुष योगीश्वर-2 संतन हितकारी
कोरस: ॐ जय गोरख देवा
F: नाथ निरंजन आप ही घट घट के वासी
कोरस: स्वामी घट घट वासी
F: कर कृपा निज जन पर-2 मेटत यम फांसी
कोरस: ॐ जय गोरख देवा
F: रिद्धी सिद्धि चरणों में लोटत माया है दासी
कोरस: स्वामी माया है दासी
F: आप अलख अवधूता-2 उतराखंड वासी
कोरस: ॐ जय गोरख देवा
F: अगम अगोचर अकथ अरुपी सबसे हो न्यारे
कोरस: स्वामी सबसे हो न्यारे
F: योगीजन के आप ही-2 सदा हो रखवारे
कोरस: ॐ जय गोरख देखा
F: ब्रह्मा विष्णु तुम्हारा निशदिन गुण गावे
कोरस: स्वामी निशिदिन गुण गावे
F: नारद शारद सुर मिल-2 चरनन चित लावे
कोरस: ॐ जय गोरख देवा
F: चारो युग में आप विराजत योगी तन धारी
कोरस: स्वामी योगी तन धारी
F: सतयुग द्वापर त्रेता-2 कलयुग भय टारी
कोरस: ॐ जय गोरख देवा
F: गुरु गोरख नाथ की आरती निशदिन जो गावे
कोरस: स्वामी जो गावे
F: विनवित बाल त्रिलोकी-2 मुक्ति फल पावे
कोरस: ॐ जय गोरख देवा
F: जय गोरख देवा स्वामी जय गोरख देवा
कर कृपा मम ऊपर -2, नित्य करूँ सेवा
ॐ जय गोरख देवा
कोरस: जय गोरख देवा स्वामी जय गोरख देवा
कर कृपा मम ऊपर-2, नित्य करूँ सेवा
ॐ जय गोरख देवा
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