॥ आरती श्री गिरिराज जी की॥
F:- ऊँ जय जय जय गिरिराज स्वामी जय-जय गिरिराज
संकट में तुम राखौ -2, निज भक्तन की लाज
ऊँ जय जय जय गिरिराज
कोरस:- ऊँ जय जय जय गिरिराज स्वामी जय-जय गिरिराज
संकट में तुम राखौ -2, निज भक्तन की लाज
ऊँ जय जय जय गिरिराज
F:- इंद्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौं ध्यानु धरैं
कोरस:- स्वामी तुम्हरौं ध्यानु धरैं
F:- रिषि मुनिजन यश गावें-2, ते भवसिंधु तरैं
कोरस:- ऊँ जय जय जय गिरिराज
F:- सुंदर रूप तुम्हारौ श्याम सिला सोहें
कोरस:- स्वामी श्याम सिला सोहें
F:- वन उपवन लखि-लखि के -2 भक्तन मन मोहें
कोरस:- ऊँ जय जय जय गिरिराज
F:- मध्य मानसी गगा कलि के मल हरनी
कोरस:- स्वामी कलि के मल हरनी
F:- तापै दीप जलावें -2, उतरें वैतरनी
कोरस:- ऊँ जय जय जय गिरिराज
F:- नवल अप्सरा कुण्ड सुहावन-पावन सुखकारी
कोरस:- स्वामी पावन सुखकारी
F:- बाएं राधा-कुंड नहावें -2 महा पापहारी
कोरस:- ऊँ जय जय जय गिरिराज
F:- तुम्हीं मुक्ति के दाता कलियुग के स्वामी
कोरस:- स्वामी कलियुग के स्वामी
F:- दीनन के हो रक्षक-2, प्रभु अंतरयामी
कोरस:- ऊँ जय जय जय गिरिराज
F:- हम हैं शरण तुम्हारी, गिरिवर गिरधारी
कोरस:- स्वामी गिरिवर गिरधारी
F:- देवकीनंदन कृपा करो-2, हे भक्तन हितकारी
कोरस:- ऊँ जय जय जय गिरिराज
F:- जो नर दे परिकम्मा पूजन पाठ करें
कोरस:- स्वामी पूजन पाठ करें
F:- गावें नित्त आरती -2 पुनि नहीं जनम धरें
कोरस:- ऊँ जय जय जय गिरिराज
F:- ऊँ जय जय जय गिरिराज स्वामी जय-जय गिरिराज
संकट में तुम राखौ -2, निज भक्तन की लाज
ऊँ जय जय जय गिरिराज
कोरस:- ऊँ जय जय जय गिरिराज स्वामी जय-जय गिरिराज
संकट में तुम राखौ -2, निज भक्तन की लाज
ऊँ जय जय जय गिरिराज
अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।