Current Date: 17 Nov, 2024

आरती श्री रामायण जी की

- Anuradha Paudwal


आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिय पी की ॥

गावत ब्रहमादिक मुनि नारद ।
बाल्मीकि बिग्यान बिसारद ॥

शुक सनकादिक शेष अरु शारद ।
बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥

आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिय पी की ॥

गावत बेद पुरान अष्टदस ।
छओं शास्त्र सब ग्रंथन को रस ॥

मुनि जन धन संतन को सरबस ।
सार अंश सम्मत सब ही की ॥

आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिय पी की ॥

गावत संतत शंभु भवानी ।
अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी ॥

ब्यास आदि कबिबर्ज बखानी ।
कागभुशुंडि गरुड़ के ही की ॥

आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिय पी की ॥

कलिमल हरनि बिषय रस फीकी ।
सुभग सिंगार मुक्ति जुबती की ॥

दलनि रोग भव मूरि अमी की ।
तात मातु सब बिधि तुलसी की ॥

आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिय पी की ॥

Credit Details :

Song: Aarti Shri Ramayan Ji Ki
Singer: Anuradha Paudwal
Lyrics: Traditional
Album: Shri Mehndipur Balaji Ki Aartiyaan

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