आओ गजानंद मुसे पे सवार
प्रथम मंटा तुम्हे सारा संसार
आओ गजानंद ..............
शिवजी का लाल है तू गोरा माँ का जाया
काज पुरे होते सरे जिसने भी ध्याया
अब ना करो तुम देरी आओ सरकार
आओ गजानंद ..............
रिद्धि सिद्धि डाटा तुम हो भाग्य विधाता
पत्ता तक ना हिले तेरी इच्छा बिन दाता
जिसपे दया हो तेरी महके घर बार
आओ गजानंद ..............
निर्धन का मान हो तुम बल निर्बल का
तुहि सिरमौर गजानन्द सारे देवा दल का
रनत भवन के राजा सुनलो पुकार
आओ गजानंद ..............
श्रद्धा लगन से अब जान तुम को मनाते
सीबू के संग सारे मिलके बुलाते
अंगना में बाबा तुम आओ हमार
आओ गजानंद ..............
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