आओ बालाजी,
आओं बालाजी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी।।
तर्ज – मैं ना भूलूंगा।
निशदिन गुणगान करूँ,
तेरा ही ध्यान धरूँ,
गिरूं सौ बार मगर,
नज़रों से ना तेरे गिरूं,
जीवन मेरा सफल बनाओ,
झलक दिखाओ जी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी।।
सालासर तेरा है,
मेहंदीपुर तेरा है,
जहाँ हर कण कण में,
तेरा ही बसेरा है,
मेरे मन के मंदिर में भी,
धाम बनाओ जी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी।।
ज्ञान के सागर हो,
सियाराम के चाकर हो,
हो किनारा तुम ही प्रभु,
तुम ही भव सागर हो,
‘राशि’ की अर्ज़ी स्वीकारो,
लाज बचाओ जी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी।।
आओ बालाजी,
आओं बालाजी,
दर्शन को प्यासे हैं नैना,
दर्श दिखाओ जी,
आओं बालाजी आओं बालाजी।।
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