जब जब कीर्तन करने को, हम कहीं पे जाते हैं,
सबसे पहले जोर से, गणपति वंदन गाते हैं,
आओ आओ गजानंद, हम तुम्हें बुलाते हैं,
खजराने से आओ गजानंद, लड्डुवन भोग लगाते हैं,
पान सुपारी और नारियल, चरणों में चढ़ाते हैं,
आओ आओं गजानंद, तुमको भोग लगाते हैं,
भोग लगाते है, देवा तुम्हें मनाते हैं,
आओ आओ गजानंद, हम तुम्हें बुलाते हैं,
पार्वती के पुत्र गजानंद, देवो में हो न्यारे रे,
शंकर जी के राज दुलारे, सबकी आँख के तारे रे,
आओ आओं गजानंद, तुमको लाड लड़ाते है,
लाड़ लड़ाते है, देवा तुम्हें मनाते है,
आओ आओ गजानंद, हम तुम्हें बुलाते हैं,
बीच सभा में आओ गजानंद, कीर्तन तुम्हें सुनाते हैं,
रामायण के दोहे पढ़कर, राम का अलख जगाते हैं,
आओ आओं गजानंद, राम भजन सुनाते हैं,
भजन सुनाते है, देवा तुम्हें मनाते हैं,
आओ आओ गजानंद, हम तुम्हें बुलाते हैं,
जब जब कीर्तन करने को, हम कहीं पे जाते हैं,
सबसे पहले जोर से, गणपति वंदन गाते हैं,
आओ आओ गजानंद, हम तुम्हें बुलाते हैं,
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