आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।
नशे शिव की डमरू गिर गई,
कैसे बोले डम डम।।
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।
नशे में चंदा नीचे आ गयो।
कैसे चमके चम चम चम।।
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।
नशे में गंगा नीचे आगई।
कैसे बहे अब छम छम छम।।
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।
नशे में "राजेन्द्र" भोले नाचे।
धरती होबे छम छम छम।।
आज मेरे शिव भंगिया पीकर,
नशे खींची चार चिलम।।
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