आ दर्श दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
तर्ज – आ लौट के आजा मेरे।
आँखों के आंसू सुख चुके है,
अब तो तू दर्श दिखा दे,
कबसे खड़े है दर पे तुम्हारे,
मन की तू प्यास बुझा दे,
तेरी लीला निराली मेरे श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
बिच भंवर में नैया पड़ी है,
आकर तू पार लगा दे,
तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है,
आकर तू गले से लगा ले,
क्यों देर लगाते घनश्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
डूब रहा है सुख का सूरज,
गम की बदरिया है छाई,
उजड़ गई है बगिया जीवन की,
मन की कलि मुरझाई,
करे विनती ये बालक श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
आ दर्श दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,
आ दरश दिखा दे बाबा श्याम,
तुझे तेरे लाल बुलाते है।।
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